Detailed Notes on Shodashi
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The Matrikas, or even the letters in the Sanskrit alphabet, are deemed the refined sort of the Goddess, with Just about every letter holding divine electrical power. When chanted, these letters Mix to form the Mantra, developing a spiritual resonance that aligns the devotee Along with the cosmic Electricity of Tripura Sundari.
वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—
कामेश्यादिभिरावृतं शुभ~ण्करं श्री-सर्व-सिद्धि-प्रदम् ।
॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥
पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या
सा नित्यं नादरूपा त्रिभुवनजननी मोदमाविष्करोतु ॥२॥
देवस्नपनं मध्यवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
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इति द्वादशभी श्लोकैः स्तवनं सर्वसिद्धिकृत् ।
यदक्षरशशिज्योत्स्नामण्डितं भुवनत्रयम् ।